The 2-Minute Rule for Shayari
The 2-Minute Rule for Shayari
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उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे
الجھ کر پھنسی ہوئی وہ جھاڑیاں انہیں مبارک ہو.. نعمان باقی صدیقی
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।
रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो 'ग़ालिब'
ہر کِسی کی کہاں مفہوم تک رسائی ہے ہر کِسی کی کہاں مفہوم تک رسائی ہے
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब'
Urdu Shayari is regarded as The easiest method to describe inner emotions in words and phrases for many who can realize this language very well. Poetry in Urdu and poets are famed in the world as Allama Iqbal is considered as the poet of the East.
Asaani se dil lagaaye jaate hain, Magar mushkil se waade nibhaaye jaate hai Mohabbat le aati hain un raahon pe, Jahan diyon ke badle dil jalaaye jaate hain.!
दिल के पास आपका घर बना लिया, ख्वाबों में आपको बसा लिया, मत पूछो कितना चाहते हैं आपको, आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।
मुझे तो तेरे साथ सिर्फ वक्त बिताना है।
यह शे’र ग़ालिब के मशहूर अशआर में से एक है। इस शे’र में जितने सादा और आसान अलफ़ाज़ इस्तेमाल किए गए हैं, उतनी ही ख़्याल में संजीदगी और गहराई भी है। आम पढ़ने वाला यही भावार्थ निकाल सकता है कि जब कुछ मौजूद नहीं था तो ख़ुदा का अस्तित्व मौजूद था। अगर ब्रह्मांड में कुछ भी न होता फिर भी ख़ुदा की ज़ात ही मौजूद रहती। यानी ख़ुदा की ज़ात को किसी बाहरी वस्तु के अस्तित्व की ज़रूरत नहीं बल्कि हर वस्तु को उसकी ज़ात की ज़रूरत होती है। दूसरे मिसरे में यह कहा गया है कि मुझको अपने होने से यानी अपने ख़ुद के ज़रिए नुक़्सान पहुँचाया गया, अगर मैं नहीं होता तो मेरे अपने अस्तित्व की प्रकृति न जाने क्या होती।
Kitaabo Shayari me kehte hai phool todna mana hai Baagon me kehte hai phool todna mana hai Phoolon se keemti cheez hain dil Koyi nahi kehta ki dil todna mana hain..!!
Though Faiz Ahmad Faiz is really a Pakistani, he was born over the British period and his poetry is Therefore acknowledged and beloved by both the international locations in the subcontinent. His daily life’s later on works had been committed to bettering the social status of his region.